Election Commission का बड़ा कदम: E-Voting पर आया बड़ा अपडेट, जानिए कैसे होगा इस्तेमाल

भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में हर नागरिक की भागीदारी सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती रही है, खासकर जब बात चुनावों की हो। इसी को ध्यान में रखते हुए Election Commission of India (ECI) ने एक बड़ा और आधुनिक कदम उठाया है—E-Voting (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग) से जुड़ा नया अपडेट। अब चुनावी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, तेज़ और सरल बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल तेज़ी से बढ़ाया जा रहा है।

इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि ECI का यह नया अपडेट क्या है, E-Voting कैसे काम करेगा, किन लोगों को इसका लाभ मिलेगा और इसका भारत की चुनाव प्रणाली पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

E-Voting क्या है?

E-Voting का मतलब है — Electronic Voting, यानी ऐसी प्रणाली जिसमें मतदाता अपने मोबाइल, लैपटॉप या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से सुरक्षित तरीके से वोट डाल सके। यह पारंपरिक मतदाता पर्ची और बूथ पर जाकर वोट डालने की प्रक्रिया से अलग है।

Election Commission का नया अपडेट क्या है?

Election Commission of India ने हाल ही में यह ऐलान किया है कि वह Remote Voting Technology पर काम कर रहा है, जो विशेषकर उन लोगों के लिए है जो:

  • अपने गृह राज्य से बाहर रहते हैं (जैसे प्रवासी श्रमिक)
  • विदेशों में रह रहे NRI नागरिक
  • बूथ तक नहीं पहुंच सकते जैसे बुजुर्ग, दिव्यांग आदि

ECI इस तकनीक को Blockchain-Based E-Voting या Remote EVM System के ज़रिए लागू करने की तैयारी में है, जिसका पायलट प्रोजेक्ट जल्द ही कुछ राज्यों में शुरू होने जा रहा है।

कैसे काम करेगा E-Voting सिस्टम?

  1. रजिस्ट्रेशन:
    मतदाता को अपने राज्य की चुनाव वेबसाइट या ऐप पर लॉगिन करके E-Voting के लिए पंजीकरण करना होगा।
  2. वेरिफिकेशन:
    आधार कार्ड, वोटर आईडी और मोबाइल नंबर से पहचान सत्यापित की जाएगी। OTP अथवा बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन का भी विकल्प रहेगा।
  3. टाइम स्लॉट:
    ECI द्वारा पूर्व निर्धारित समय और तारीख पर मतदाता को वोट डालने का मौका मिलेगा।
  4. वोटिंग प्रोसेस:
    • मतदाता को चुनाव क्षेत्र, उम्मीदवारों की सूची और चुनाव चिह्न दिखेगा।
    • चयन के बाद वोट ECI के सुरक्षित सर्वर पर रिकॉर्ड होगा।
    • मतदान गोपनीय रहेगा और दोबारा वोटिंग संभव नहीं होगी।

E-Voting के फायदे

  • डिजिटल भागीदारी में वृद्धि: विशेषकर युवाओं और शहरी आबादी के लिए सुविधाजनक।
  • प्रवासी नागरिकों को वोटिंग का अवसर: अब बाहर रह रहे लोग भी आसानी से वोट डाल सकेंगे।
  • दिव्यांग और बुजुर्गों को राहत: फिजिकल बूथ पर जाने की आवश्यकता नहीं।
  • समय की बचत: लंबी लाइनों से मुक्ति।
  • पेपरलेस प्रोसेस: पर्यावरण के अनुकूल प्रणाली।

E-Voting से जुड़ी चुनौतियाँ

  • साइबर सुरक्षा: हैकिंग, डेटा लीकेज जैसी संभावनाओं को रोकना।
  • डिजिटल साक्षरता: ग्रामीण इलाकों में तकनीक के प्रति जागरूकता कम है।
  • इंटरनेट एक्सेस: सभी क्षेत्रों में पर्याप्त नेटवर्क और तकनीकी पहुंच नहीं।
  • पारदर्शिता पर सवाल: कुछ लोग डिजिटल वोटिंग में गोपनीयता और निष्पक्षता को लेकर चिंतित हो सकते हैं।

कहाँ हो चुका है इसका ट्रायल?

Election Commission ने IIT Madras के साथ मिलकर एक Blockchain-based E-Voting सिस्टम विकसित किया है। इस सिस्टम का पायलट टेस्टिंग 2024 में तेलंगाना और अन्य राज्यों में किया गया था, जहाँ सीमित संख्या में मतदाताओं ने सफलतापूर्वक डिजिटल वोटिंग की।

आगे क्या है योजना?

  • 2025 के अंत तक कुछ राज्यों में Limited E-Voting Rollout की तैयारी।
  • 2029 तक देशव्यापी स्तर पर लागू करने की संभावना।
  • NRI वोटर्स के लिए एक अलग पोर्टल या मोबाइल ऐप लॉन्च किया जा सकता है।

निष्कर्ष

Election Commission का E-Voting को लेकर यह कदम निश्चित ही भारतीय लोकतंत्र को नई दिशा में ले जा सकता है। इससे न केवल वोटिंग प्रतिशत में इजाफा होगा, बल्कि यह प्रक्रिया और अधिक समावेशी, पारदर्शी और डिजिटल बन सकेगी।

हालांकि इसे पूरी तरह लागू करने से पहले साइबर सुरक्षा, तकनीकी ट्रेनिंग और टेस्टिंग जैसे कई मोर्चों पर काम करना होगा। लेकिन इतना तय है कि भारत की चुनाव प्रक्रिया अब धीरे-धीरे डिजिटल युग में प्रवेश कर रही है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1. क्या सभी नागरिक E-Voting कर पाएंगे?

नहीं, फिलहाल यह सुविधा सीमित वर्ग के लोगों (जैसे NRI या प्रवासी) के लिए उपलब्ध होगी।

Q2. क्या E-Voting के लिए मोबाइल जरूरी है?

हाँ, वोटिंग करने के लिए स्मार्टफोन, कंप्यूटर या इंटरनेट कनेक्टिविटी आवश्यक होगी।

Q3. क्या यह प्रक्रिया सुरक्षित है?

Election Commission ब्लॉकचेन तकनीक के जरिए डेटा को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहा है।

Q4. E-Voting कब से शुरू होगा?

ECI का उद्देश्य 2025 के अंत तक पायलट रन और 2029 तक राष्ट्रीय स्तर पर इसका विस्तार करना है।

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