Bihar Voter Card Verification: 25 जुलाई तक भरना होगा फार्म, गंभीरता से नहीं लिया तो मतदाता सूची से कटेगा नाम ।

Bihar Voter Card Verification की घोषणा चुनाव आयोग के द्वारा कर दिया गया है । भारत के किसी नागरिक के लिए इसे जरूरी दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाता है । बिहार विधान सभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने विशेष मतदाता गहन पुनरीक्षण अभियान चला रहा है । प्रत्येक गांव में बीएलओ घर जाकर फार्म देंगे जिसे 25 जुलाई तक भर कर वापस देना होगा । फार्म वितरण का काम शुरू हो चूका है । अगर ऐसा नहीं करते हैं मतदाता सूची से नाम कट जायगा और वोट भी नहीं दे पाएंगे । इसके बारे में पुरी प्रक्रिया क्या होगी आइए जानते हैं विस्तार से ।

Bihar Voter Card Verification के तहत बीएलओ सभी मतदाताओं के घर जाएंगे और एक फार्म की दो प्रतियां देंगे । प्रत्येक मतदाता को इस फार्म को अचछी तरह से भरने के बाद 25 जुलाई 2025 तक बीएलओ के पास जमा कर देना है, नहीं तो मतदाता सूची से नाम कट जायगा । अगर किसी के घर में पांच मतदाता है तो सभी के नाम से फार्म जमा करना अनिवार्य होगा ।

पुनरीक्षण के बाद 1 अगस्त को मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन किया जायेगा । आगे 1 सितम्बर तक दावा – आपत्ति दे सकेंगे । अंतिम मतदाता सूची सूची का प्रकाशन 30 सितम्बर 2025 को किया जाएगा । किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए हेल्प लाइन नंबर 1950 पर काॅल कर सकते हैं ।

ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?

मेरे दोस्तों, मतदाता पुनरीक्षण के लिए मांगे गये फार्म को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से किया जा सकता है । अगर आप अपने गांव से बाहर रह रहे हैं तो ऑनलाइन फार्म जमा कर सकते हैं । इसके लिए चुनाव आयोग की वेबसाइट या एप के माध्यम से ऑनलाइन फॉर्म भरा जा सकेगा। उम्मीद हैं कि एक-दो दिनों में एप काम करने लगेगा। इसके लिए गणना प्रपत्र वेबसाइट https://voters.eci.gov.in या ECINet App से डाउनलोड कर सकते हैं। भरा हुआ फॉर्म और वांछित दस्तावेज वहां अपलोड भी किया जा सकता है।

गणना प्रपत्र के साथ जरूरी दस्तावेज

1987 से 2003 के बीच जन्म लेने वालों को जन्मस्थान का प्रमाण और माता का दस्तावेज देना होगा। 2003 के बाद जन्मे लोगों के लिए माता-पिता का प्रमाणपत्र जरूरी है। फिलहाल फॉर्म के साथ 11 तरह के साक्ष्य में से कोई एक जमा करने का निर्देश है। हालांकि यह अंतिम नहीं है। अगर किसी मतदाता के पास इनमें से कोई दस्तावेज नहीं है तो वह जमीन के कागजात या होल्डिंग की रसीद आदि देकर अगर ईआरओ को संतुष्ट कर लेता है तो वह भी मान्य होगा। इस प्रकार समझें कि वो कौन-कौन सा दस्तावेज है जिसे आप संलग्न कर सकते हैं ।

दस्तावेजों की सूची : इनमें से कोई एक देना होगा

  • केंद्रीय राज्य के नियमित कर्मचारी/पेंशनभोगी को निर्गत कोई पहचान पत्र/पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ)
  • सरकार/स्थानीय प्राधिकरण/बैंक/डाकघर/एलआईसी /पीएसयू द्वारा 1 जुलाई 1987 से पहले निर्गत किया गया कोई भी पहचानपत्र/प्रमाणपत्र/दस्तावेज
  • सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत जन्म प्रमाणपत्र पासपोर्ट मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालय से निर्गत मैट्रिकुलेशन/शैक्षणिक प्रमाणपत्र
  • सक्षम राज्य प्राधिकार द्वारा निर्गत स्थायी निवास प्रमाणपत्र
  • वन अधिकार प्रमाणपत्र सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत ओबीसी/एससी/एसटी या कोई जाति प्रमाणपत्र
  • राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (जहां वह उपलब्ध हो)
  • राज्य/स्थानीय प्राधिकार द्वारा तैयार किया गया पारिवारिक रजिस्टर
  • सरकार का कोई भी भूमि/मकान आवंटन प्रमाणपत्र।

21 साल पुराने पुनरीक्षण चाले वोटरों को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं। यदि माता-पिता में से कोई एक व्यक्ति 1 जनवरी 2003 तक मतदाता सूची में शामिल रहा है, उसे इस विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान नामांकन के लिए उनसे संबंधित किसी भी दस्तावेज को प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी।

पुनरीक्षण फार्म में भरी जाने वाली विवरणी

  • मतदाता की जन्म तिथि, आधार संख्या (वैकल्पिक), मोबाइल संख्या ।
  • पिता/कानूनी अभिभावक का नाम और ईपिक संख्या (यदि उपलब्ध हो)।
  • माता का नाम और ईपिक संख्या (यदि उपलब्ध हो)।
  • जीवनसाथी का नाम (यदि लागू हो) और ईपिक संख्या (यदि उपलब्ध हो)
  • मतदाता का पासपोर्ट आकार (4.5cm×3.5cm) का रंगीन फोटो देना होगा।

Conclusion (निष्कर्ष)

मेरे प्यारे दोस्तों इस पोस्ट में मतदाता पहचान पत्र से संबंधित अपडेट के बारे में विस्तार से बताने की पूरी कोशिश किया है | अगर और कोई जानकारी चाहिए तो कॉमेंट कर जरूर बताएं | अंत में आप सभी से आग्रह और निवेदन होगा की अपना मतदाता पहचान पत्र को जरूर अपडेट करवा लें जिससे आपका वोट देने का अधिकार सुरक्षित रहे |

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