उत्तराखंड के छात्रों के लिए बड़ी खुशखबरी है। दो वर्षीय बीएड (B.Ed) पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए अब एंट्रेंस एग्जाम की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। उत्तराखंड सरकार ने फैसला किया है कि अब बीएड में एडमिशन केवल मेरिट के आधार पर होगा। इस निर्णय के पीछे प्रमुख कारण बीएड कोर्स में कम होते आवेदन हैं। पिछले वर्ष लगभग 50% सीटें खाली रह गई थीं, जिससे सरकार को एडमिशन प्रक्रिया में बदलाव करना पड़ा।
आवेदन प्रक्रिया होगी ऑनलाइन, समर्थ पोर्टल से मिलेगा कॉलेज
अब इच्छुक अभ्यर्थियों को किसी भी प्रवेश परीक्षा की तैयारी की जरूरत नहीं है। उन्हें केवल समर्थ पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद उनकी योग्यता यानी मेरिट के आधार पर कॉलेज आवंटित किया जाएगा। यह प्रक्रिया राज्य के सभी राजकीय, सहायता प्राप्त, अशासकीय और स्ववित्तपोषित बीएड कॉलेजों पर लागू होगी। जल्द ही श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय की ओर से इस विषय में आधिकारिक अधिसूचना जारी की जाएगी।
क्यों लिया गया यह फैसला? घटती रुचि और खाली सीटें बना कारण
बीएड कोर्स के प्रति छात्रों की घटती रुचि भी इस फैसले का एक मुख्य कारण रही है। पिछले साल बीएड की आधे से ज्यादा सीटें खाली रह गई थीं। परीक्षा आयोजित करने में संसाधनों और समय की भी बड़ी खपत होती है, ऐसे में जब आवेदन ही नहीं आ रहे हैं तो परीक्षा कराना व्यर्थ माना गया। सरकार अब चाहती है कि योग्य और इच्छुक छात्रों को बिना किसी बाधा के बीएड कोर्स में एडमिशन मिले।
पूरी तरह से खत्म हुआ एंट्रेंस एग्जाम का पैटर्न
अब उत्तराखंड के बीएड कॉलेजों में एडमिशन के लिए किसी भी तरह की प्रवेश परीक्षा नहीं ली जाएगी। मतलब यह कि अब न कोई प्रश्नपत्र होगा, न कोई कट-ऑफ, और न ही इंटरव्यू। पूरी तरह से 12वीं और स्नातक में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट तैयार की जाएगी और उसी के अनुसार अभ्यर्थी को कॉलेज मिलेगा। यह बदलाव न सिर्फ छात्रों के लिए राहत भरा है बल्कि कॉलेजों को भी छात्रों की कमी से उबरने में मदद करेगा।
कब और कैसे करें आवेदन?
इस नई व्यवस्था के तहत आवेदन की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है। श्री देव सुमन विश्वविद्यालय समर्थ पोर्टल पर इसका शेड्यूल और गाइडलाइन जारी करेगा। छात्रों को चाहिए कि वे समय-समय पर विश्वविद्यालय की वेबसाइट या समर्थ पोर्टल को चेक करते रहें ताकि वे आवेदन की तारीखें न चूकें। यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी जिससे दूर-दराज के छात्रों को भी आवेदन करने में सहूलियत होगी।
छात्रों को मिलेगा फायदा – समय और पैसे की बचत
बीएड में प्रवेश के लिए परीक्षा खत्म होने से छात्रों का न केवल समय बचेगा बल्कि आर्थिक बोझ भी कम होगा। पहले छात्रों को परीक्षा शुल्क, कोचिंग फीस और यात्रा खर्च जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। अब मेरिट आधारित प्रणाली के कारण हर छात्र को समान अवसर मिलेगा और पारदर्शी तरीके से एडमिशन की प्रक्रिया पूरी होगी। यह बदलाव शिक्षा को और ज्यादा सुलभ और सरल बनाएगा।
निष्कर्ष: मेरिट से एडमिशन, शिक्षा में नया बदलाव
उत्तराखंड सरकार का यह फैसला छात्रों और कॉलेजों – दोनों के लिए हितकारी साबित हो सकता है। बिना परीक्षा के मेरिट के आधार पर बीएड कोर्स में प्रवेश से योग्य छात्रों को अवसर मिलेगा और खाली सीटें भरने की दिशा में भी यह कदम उपयोगी हो सकता है। यदि आप बीएड करना चाहते हैं, तो अब बिना किसी प्रतियोगिता परीक्षा के सिर्फ मेरिट के आधार पर अपने भविष्य को संवारने का यह सुनहरा मौका है।
सुझाव:
छात्र विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट और समर्थ पोर्टल पर अपडेट देखते रहें और समय पर आवेदन करें।
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