राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी सेविकाओं के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए उन्हें डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा फैसला लिया है। अब हर आंगनबाड़ी सेविका को स्मार्टफोन खरीदने के लिए ₹11,000 की राशि दी जाएगी, जो सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी। यह निर्णय न सिर्फ सेविकाओं के काम को आधुनिक बनाएगा, बल्कि पोषण ट्रैकर और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर रिपोर्टिंग की प्रक्रिया को भी तेज और पारदर्शी बनाएगा।
अब तक स्मार्टफोन की कमी के कारण सेविकाएं पोषण ट्रैकर पर बच्चों की जानकारी अपलोड करने में असमर्थ थीं। कई बार मोबाइल न होने का बहाना बनाकर कार्य में देरी भी होती थी। लेकिन अब यह समस्या खत्म हो जाएगी और सेविकाएं हर गतिविधि को समय पर अपडेट कर सकेंगी। इस फैसले से राज्य की 1 लाख से अधिक सेविकाओं को लाभ मिलेगा। साथ ही, फेस कैप्चरिंग जैसे आधुनिक प्रोसेस को भी तेज़ी से लागू किया जा सकेगा।
सरकार की यह पहल न केवल तकनीक को जमीनी स्तर तक ले जाने का प्रयास है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण और बाल विकास की दिशा में एक मजबूत कदम भी है। अब हर सेविका होगी डिजिटल और तैयार नए भारत के निर्माण में भागीदारी के लिए।
क्यों दी जा रही है यह राशि?
अब तक कई आंगनबाड़ी सेविकाओं के पास स्मार्टफोन नहीं होने के कारण पोषण ट्रैकर पर जानकारी अपलोड करने में देरी हो रही थी। सेविकाएं अक्सर मोबाइल न होने का बहाना बनाकर काम से बचने की कोशिश करती थीं। लेकिन अब यह समस्या दूर हो जाएगी क्योंकि सरकार ने उन्हें स्मार्टफोन खरीदने के लिए ₹11,000 देने का निर्णय लिया है।
किन्हें मिलेगा इस योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ राज्य की सभी एक लाख से अधिक आंगनबाड़ी सेविकाओं को मिलेगा। जिनके पास अभी तक स्मार्टफोन नहीं है या जिनके पुराने फोन तकनीकी रूप से कमजोर हैं, वे इस राशि से नया मोबाइल खरीद सकेंगी। इससे सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आएगा और टेक्नोलॉजी की मदद से बच्चों की निगरानी और रिपोर्टिंग आसान होगी।
किस उद्देश्य से स्मार्टफोन दिया जा रहा है?
सेविकाओं को अब बच्चों की हाजिरी, वजन, कद, टीकाकरण और अन्य जानकारी हर महीने पोषण ट्रैकर ऐप पर अपलोड करनी होती है। इसके लिए स्मार्टफोन की आवश्यकता होती है। इसके अलावा हाल ही में फेस कैप्चरिंग की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसके तहत लाभार्थियों की फोटो लेकर उसे पोषण ट्रैकर पर अपलोड किया जाता है। स्मार्टफोन की कमी के कारण अब तक पटना जिले में केवल 60% लाभार्थियों का फेस कैप्चरिंग ही हो सका है।
कैसे मिलेगा पैसा और क्या करना होगा?
समाज कल्याण विभाग ने सभी सेविकाओं के खाते में ₹11,000 भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए वित्त विभाग ने राशि आवंटित कर दी है। सेविकाओं को राशि मिलने के एक सप्ताह के भीतर स्मार्टफोन खरीदकर उसकी रसीद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को जमा करनी होगी। इसके बाद यह रिपोर्ट आईसीडीएस निदेशालय को भेजी जाएगी।
मोबाइल नहीं, मिलेगा पैसा – नया बदलाव
पहले सरकार की योजना थी कि सेविकाओं को सीधे मोबाइल फोन दिया जाए। लेकिन अब योजना में बदलाव करते हुए उन्हें फोन के लिए सीधे राशि दी जाएगी, ताकि वे अपनी जरूरत के अनुसार मोबाइल खरीद सकें। इससे सेविकाओं को स्मार्टफोन चुनने की स्वतंत्रता मिलेगी और किसी प्रकार की तकनीकी परेशानी नहीं होगी।
क्या होगा फायदा?
मोबाइल मिलने से अब सेविकाएं हर गतिविधि ऑनलाइन रिकॉर्ड कर सकेंगी। इससे सरकारी योजनाओं की निगरानी और पारदर्शिता में बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा:
- पोषण ट्रैकर की रिपोर्टिंग समय पर हो सकेगी
- लाभार्थियों की फोटो अपलोड की प्रक्रिया तेज होगी
- सेविकाओं की ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग आसान होगी
- काम में बहानेबाज़ी की गुंजाइश नहीं रहेगी
आधिकारिक बयान क्या कहता है?
बंदना प्रेयषी, सचिव, समाज कल्याण विभाग ने कहा –
“आंगनबाड़ी केंद्र की सेविकाओं के स्मार्टफोन के लिए राशि की मंजूरी मिल गयी है। जल्द ही तमाम सेविकाओं के बैंक खातों में ₹11-11 हजार रुपए भेजे जाएंगे।”
निष्कर्ष
सरकार की यह पहल न केवल आंगनबाड़ी सेविकाओं के काम को आसान बनाएगी, बल्कि टेक्नोलॉजी को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में मददगार साबित होगी। स्मार्टफोन के जरिए हर सेविका अब डिजिटल रूप से सशक्त होगी और बच्चों व महिलाओं से जुड़ी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू कर सकेगी।
FAQs: स्मार्टफोन योजना आंगनबाड़ी सेविकाओं के लिए
Q1. क्या हर सेविका को ₹11,000 मिलेंगे?
हाँ, राज्य की हर एक आंगनबाड़ी सेविका को स्मार्टफोन खरीदने के लिए ₹11,000 दिए जाएंगे।
Q2. क्या सरकार मोबाइल फोन दे रही है?
नहीं, सरकार सेविकाओं के खाते में मोबाइल खरीदने के लिए राशि भेजेगी।
Q3. मोबाइल खरीदने की समय सीमा क्या है?
राशि मिलने के एक सप्ताह के भीतर मोबाइल खरीदना होगा और रिपोर्ट जमा करनी होगी।
Q4. इस योजना से क्या फायदा होगा?
पोषण ट्रैकर की जानकारी समय पर अपलोड होगी, फेस कैप्चरिंग प्रक्रिया तेज होगी और कार्यों में पारदर्शिता आएगी।
Q5. क्या पहले भी सेविकाओं को मोबाइल दिया गया है?
पहले चर्चा थी कि सरकार मोबाइल देगी, लेकिन अब बदलाव कर सीधे राशि देने का निर्णय लिया गया है।
अगर आप इस योजना से संबंधित अधिक जानकारी चाहते हैं, तो अपने जिले के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (DPO) या आईसीडीएस कार्यालय से संपर्क करें।